सिस्टम वह नहीं कि जिसमें नेक और ईमानदार आदमी जाए तो वह भी क्रूर और भ्रष्टाचारी बन जाए। बल्कि सिस्टम तो वह है कि जिसमें क्रूर-से-क्रूरतम और भ्रष्ट-से-भ्रष्टतम व्यक्ति भी जाए तो वह राष्ट्र और राष्ट्रवासियों की सेवा करने को विवश हो जाए। आज संपूर्ण भारत को ऐसे ही एक सशक्त सिस्टम की आवश्यकता है। देश की व्यवस्था चाहे कितनी है बद-से-बदतर क्यों ना हो उसे श्रेष्ठ बनाई जा सकती है। - योग गुरु का गव्यसिद्ध डॉ. अश्वनी कुमार
सिस्टम वह नहीं कि जिसमें नेक और ईमानदार आदमी जाए तो वह भी क्रूर और भ्रष्टाचारी बन जाए। बल्कि सिस्टम तो वह है कि जिसमें क्रूर-से-क्रूरतम और भ्रष्ट-से-भ्रष्टतम व्यक्ति भी जाए तो वह राष्ट्र और राष्ट्रवासियों की सेवा करने को विवश हो जाए। आज संपूर्ण भारत को ऐसे ही एक सशक्त सिस्टम की आवश्यकता है। देश की व्यवस्था चाहे कितनी है बद-से-बदतर क्यों ना हो उसे श्रेष्ठ बनाई जा सकती है। - योग गुरु का गव्यसिद्ध डॉ. अश्वनी कुमार
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